काफीरा तो चल दिया इस सफर के संग,
काफीरा तो चल दिया इस सफर के संग,
मंजिलें ना दूर कोई लेके अपना रंग,
रहूं मैं मलंग मलंग मलंग,
रहूं मैं मलंग मलंग मलंग,
रहूं मैं मलंग मलंग मलंग,
मैं मलंग हाय रे।
मैं मेरा जी साथ यू ये भटकता मन,
मैं मेरा जी साथ यू ये भटकता मन,
अब कहां ले जाएगा ये आवारापन,
रहूं मैं मलंग मलंग मलंग,
रहूं मैं मलंग मलंग मलंग,
रहूं मैं मलंग मलंग मलंग,
मैं मलंग हाय रे।
रूबरू खुद से हुआ हूं,
मुझ को मुझ में तू मिला,
बादलों के इस जहां में आसमा तुझे मैं मिला,
बिजली है ये रात भी,
है सेहर भी ये नम,
ना खुदा में तो रहा,
बन गया तू धरम,
रहूं मैं मलंग मलंग मलंग,
रहूं मैं मलंग मलंग मलंग,
रहूं मैं मलंग मलंग मलंग,
मैं मलंग हाय रे।