AJEEB DASTAN HAI YEH, KAHAN SHURU KAHAN KHATAM @Dil Apna Aur Preet Parai

AJEEB DASTAN HAI YEH, KAHAN SHURU KAHAN KHATAM Hindi Lyrics #Lata Mangeshkar @Dil Apna Aur Preet Parai

Song Credits:
Song: Ajeeb Dastan Hai Yeh
Film: Dil Apna Aur Preet Parai
Singer: Lata Mangeshkar
Lyricist: Shailendra

Hindi Lyrics:
अजीब दास्तां है ये !
कहां शुरू कहां ख़तम?
ये मंजिले है कौन सी?
ना वो समझ सके ना हम ।
अजीब दास्तां है ये !
कहां शुरू कहां ख़तम?
ये मंजिले है कौन सी?
ना वो समझ सके ना हम ।

ये रोशनी के साथ क्यों,
धुआं उठा चिराग से।
ये रोशनी के साथ क्यों,
धुआं उठा चिराग से।

ये ख्वाब देखती हूं मैं,
कि जग पड़ी हूं ख्वाब से।

अजीब दास्तां है ये !
कहां शुरू कहां ख़तम?
ये मंजिले है कौन सी?
ना वो समझ सके ना हम।

मुबारके तुम्हें कि तुम,
किसी के नूर हो गए।
मुबारके तुम्हें कि तुम,
किसी के नूर हो गए।

किसी के इतने पास हो,
कि सब से दूर हो गए।

अजीब दास्तां है यह!
कहां शुरू कहां ख़तम?
ये मंजिले है कौन सी!
ना वो समझ सके ना हम।

किसी का प्यार लेके तुम।
नया जहां बस आओगे!
किसी का प्यार लेके तुम।
नया जहां बस आओगे!

ये शाम जब भी आएगी,
तुम हमको याद आओगे!

अजीब दास्तां है ये, कहां शुरू कहां ख़तम !

ये मंज़िलें है कौन सी!

ना वो समझ सके ना हम।

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