TU HAWA HAI, FIZA HAI, JAMEEN KI NAHI Hindi Lyrics #Sonu Nigam, Alka Yagnik, Prashant Samaddar @Fiza
Song Credits:
Song: Tu Fiza Hai
Movie: Fiza
Singer(s): Sonu Nigam, Alka Yagnik, Prashant Samaddar
Lyricist: Gulzar
Music Label: Tips Official
Hindi Lyrics:
फिजा
फिजा
फिजा
फिजा
तु हवा है फिजा है जमीन कि नहीं
तु घटा है तो फिर क्यों बरसती नहीं
उड़ती रहती है तू, पंछियों की तरह
मेरे आशियाने में आ।
तु हवा है फिजा है जमीन कि नहीं
तु घटा है तो फिर क्यों बरसती नहीं
उड़ती रहती है तू, पंछियों की तरह
मेरे आशियाने में आ।
मैं हवा हूं, कहीं भी ठहरती नहीं।
रुक भी जाऊं कहीं पर तो रहती नहीं।
मैंने तिनके उठाए हुए हैं परों पर
आशियाना नहीं है मेरा।
घने एक पेड़ से मुझे, झोका कोई लेके आया है।
सूखे एक पत्ते की तरह, हवा ने हर तरफ उड़ाया है ।
आना आ, हे आना आ एक दफा, इस जमीन से उठें
पाँव रखे हवा पर, जरा सा उड़े।
चल चले हम जहां, कोई रास्ता ना हो,
कोई रहता ना हो, कोई बस्ता ना हो।
कहते हैं आंखों में।
मिलती है ऐसी जगह।
फिजा, फिजा।
तु हवा है फिजा है जमीन कि नहीं
तु घटा है तो फिर क्यों बरसती नहीं
उड़ती रहती है तू, पंछियों की तरह
आ मेरे आशियाने में आ।
मैं हवा हूं, कहीं भी ठहरती नहीं।
रुक भी जाऊं कहीं पर तो रहती नहीं।
मैंने तिनके उठाए हुए हैं परों पर
आशियाना नहीं है मेरा।
तुम मिले तो यूं लगा मुझे
खुद से मुलाकात हो गई।
कुछ भी तो कहा नहीं मगर,
जिंदगी से बात हो गई।
आना है आना, हे आना आ साथ बैठे, जरा देर तो।
हाथ थामे रहे और कुछ ना कहें।
छूके देखें तो आंखों की खामोशियां
कितनी चुपचाप होती है, सरगोशियां।
सुनते हैं आंखों में होती है ऐसी सदा।
फिजा, फिजा।
तु हवा है फिजा है जमीन कि नहीं
तु घटा है तो फिर क्यों बरसती नहीं
उड़ती रहती है तू, पंछियों की तरह
आ मेरे आशियाने में आ।
मैं हवा हूं, कहीं भी ठहरती नहीं।
रुक भी जाऊं कहीं पर तो रहती नहीं।
मैंने तिनके उठाए हुए हैं परों पर
आशियाना नहीं है मेरा।